मेरठ। उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से तस्करी कर ले जाये जा रहे 1975 कारतूसों के साथ उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी का कहना है कि वह राणा इंस्टीट्यूट ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स से यह कारतूस लेकर जा रहा था।
जानकारी के अनुसार बीते रोज यूपी एसटीएफ ने एक सूचना के आधार पर अर्तराष्ट्रीय तस्कर राशिद अली को हिरासत में लेकर तलाशी ली तो उसके पास से 1975 कारतूस बरामद हुए। इतने भारी मात्रा में कारतूसों का जखीरा देख एसटीएफ हैरान रह गयी। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह बरामद कारतूस उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून स्थित राणा इंस्टीट्यूट ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स से लेकर जा रहा था। बताया कि आरआईएसएस में यह कारतूस शूटिंग खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण हेतु मंगवाए गए थे। रशीद अली के बयान पर एसटीफ ने आरआईएसएस के संचालक सुभाष राणा ओर उसके साथी सक्षम को भी आरोपित बनाया है। बता दें कि सुभाष राणा पद्मश्री जसपाल राणा के छोटे भाई है एवं सुभाष को स्वयं द्रोणाचार्य समान प्राप्त है। हालांकि संचालक सुभाष राणा ने मामले से पल्ला झाड़ते हुए कारतूसों की तस्करी से अनभिज्ञता जताई हैं और बताया कि उनकी अकादमी का यह नाम नहीं है। एसएसपी बृजेश सिंह ने बताया कि चैकिंग के दौरान देहरादून दिल्ली हाइवे पर स्विफ्ट कार सवार रशीद अली को पकड़ा गया था तथा कार से टीम को 12 बोर की इटली में निर्मित 1975 कारतूस बरामद हुए है।
