देहरादून: केदारनाथ की तेजतर्रार विधायक शैलारानी रावत का मंगलवार को देर रात निधन हो गया है। वे पिछले तीन दिनों से वेंटिलेटर पर थीं, वे 68 साल की थीं, उनके निधन से केदारघाटी शोक में डूब गई है।
उनका अंतिम संस्कार बुधवार को होगा। लोकसभा चुनाव के दौरान शैलारानी ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ की सीढियों से गिर गई थी, इस कारण उनकी रीढ़ की हड्डी फ्रैक्चर हो गई थी, एक शिक्षिका के रुप में अपना कैरियर शुरू करने वालीं शैलारानी रावत कई राजनीतिक पदों पर रहीं,
उन्होंने अपना राजनीतिक कैरियर कांग्रेस से शुरू किया था और 2012 में वह विधानसभा पहुंची थीं, हरीश रावत की सरकार के दौरान कांग्रेस में हुई बगावत के समय शैलारानी भी पार्टी के नौ वरिष्ठ विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गई थी, भाजपा ने 2017 में उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट दिया, लेकिन वह हार गई, 2022 में पार्टी ने उन्हें फिर प्रत्याशी बनाया, इस बार शैलारानी ने जीत दर्ज की, उनके निधन के बाद सीट खाली हो गई है।
2017 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शैलारानी रावत गिर गई थी, उन्हें आंतरिक चोट आई थी, मांस फटने के कारण उन्हें कैंसर भी हो गया था, करीब तीन वर्ष तक चले इलाज के बाद वह स्वस्थ होकर अपने घर लौटीं और फिर से राजनीति में सक्रिय हो गई, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान वे फिर चोटिल हो गई थीं।