Breaking News
चार धाम यात्रा के लिए चुस्त पशुपालन विभाग
उत्तरकाशी का मथोली गांव बना महिला सशक्तिकरण की मिसाल
मुख्यमंत्री ने चौथे खेलो मास्टर्स राष्ट्रीय चैंपियनशिप में प्रतिभाग करने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी।
सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए यात्रा से एक सप्ताह पहले सभी व्यवस्थाएं पूर्ण की जाए- मुख्यमंत्री
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का दो दिवसीय चिंतन शिवर हुआ सम्पन्न
चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियों का जायज़ा लेने चमोली पहुँचे स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार
श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज सहसपुर ने पूरे किए 70 वर्ष
बस पलटने से बच्चे सहित दो की मौत
सेतु आयोग द्वारा राज्य की गोल्डन जुबली 2050 तक का विजन डॉक्यूमेंट बनाया जाए-मुख्यमंत्री

शहीद मेजर प्रणय नेगी का पार्थिव शरीर हरिद्वार ले जाया गया, नम आंखों से दी गई श्रद्धांजलि

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल समेत तमाम दिग्गजों ने शहीद मेजर को दी श्रद्धांजलि

देहरादून। शहीद मेजर प्रणय नेगी का पार्थिव शरीर उनके घर भनियाववाला पहुंचते ही परिजन बिलख पड़े। इस दौरान सैकड़ों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला सहित ग्रामीणों ने नम आंखों से दी शहीद मेजर को श्रद्धांजलि। शहीद मेजर प्रणय नेगी का पार्थिव शरीर हरिद्वार ले जाया गया। देहरादून जिले के भानियावाला के संगतियावाला गांव निवासी एक मेजर लेह में हाई एटीट्यूड पर ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे। मेजर के शहीद होने की खबर सुनकर परिवार में कोहराम मच गया।

18 आर्टिलरी बटालियन में तैनात सुदर्शन नेगी के बेटे मेजर प्रणव नेगी (36) लेह में ड्यूटी पर थे। मंगलवार सुबह सेना मुख्यालय से मेजर प्रणव के परिजनों को सूचना मिली कि स्वास्थ्य खराब होने से वह शहीद हो गए हैं। मेजर के शहीद होने की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मेजर के रिश्तेदारों और आसपास के लोगों ने शहीद मेजर के घर जाकर परिजनों को सांत्वना दी। शहीद मेजर तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। तीन साल पहले ही मेजर की शादी हुई थी। उनका डेढ़ साल का एक बेटा है।

चाचा नरेंद्र नेगी के मुताबिक, लेह में हाई एटीट्यूड में तैनाती के दौरान ऑक्सीजन की कमी से स्वास्थ्य बिगड़ने पर मेजर शहीद हो गए थे। प्रणव नेगी 2013 में आईएमए से पासआउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट बने थे। वो मूल रूप से थाती डांगर गांव कीर्तिनगर टिहरी के रहने वाले थे। मेजर प्रणव के दादा भी फौज में थे, जबकि पिता ने होटल लाइन में नौकरी कर तीनों बच्चों को मसूरी के प्रतिष्ठित स्कूलों से शिक्षा दिलाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top