हरिद्वार में दिखी सामाजिक समरसता और सौहार्द की बानगी, रोड शो में उड़ा जनसैलाब
जगह–जगह पुष्पवर्षा से किया मुख्यमँत्री का स्वागत, यूसीसी बिल पास करने के लिए जताया आभार
देहरादून। उत्तराखण्ड में बढ़ रहे सामाजिक सौहार्द और समरसता की बानगी आज हरिद्वार में आयोजित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के रोड शो में देखने को मिली। रोड शो में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं ने बड़ी तादाद में हिस्सा लिया। बुर्का पहने महिलाएं ने जगह जगह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का फूल मालाओं से स्वागत किया और प्रदेश में यूसीसी बिल पास करने के लिए उनका आभार जताया। धामी ने कहा कि महिलाओं के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी सरकार कृत संकल्प है। जाति महजब और पंथ का भेदभाव किए बगैर मातृशक्ति को सशक्त बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के प्रत्येक जिले में रोड, नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम और नारी महोत्सव आयोजित कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री धामी का जोरदार स्वागत किया जा रहा है। रोड शो में उमड़ रहा जनसैलाब बता रहा है कि धामी की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जहां से भी धामी का काफिला गुजर रहा है लोग पुष्पवर्षा से उनका स्वागत कर रहे हैं। नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम और नारी महोत्सव में तो महिलाएं रिकार्ड संख्या में भागीदारी कर रही हैं। सोमवार को हरिद्वार में आयोजित रोड शो में तो अद्भुत नजारा देखने को मिला। अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाएं बड़ी संख्या में रोड शो में प्रतिभाग करने पहुंची। दरअसल, धामी सरकार का अब तक का कार्यकाल महिला सशक्तीकरण के लिए समर्पित रहा है। राज्य में महिलाओं के लिए 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण, लखपति दीदी, घस्यारी कल्याण, मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजागर जैसी कई योजनाएं संचालित कर महिलाओं को सशक्त किया जा रहा है। वित्तीय समावेशन से लेकर सामाजिक सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण स्वास्य देखभाल से लेकर आवास, शिक्षा, उद्यमिता में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाई जा रही है।
इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में यूसीसी का बिल पास करवाकर सामाजिक सौहार्द, समरसता और मातृशक्ति के सशक्तीकरण की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस कानून के लागू हो जाने पर सबसे जयादा लाभ अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं को मिलना तय माना जा रहा है। विपक्ष भले ही यूसीसी को लेकर समाज में भ्रम फैला रहा हो लेकिन मुस्लिम महिलाएं मुख्यमंत्री धामी के इस फैसले से खुश हैं। वह जानती हैं कि यूसीसी के लागू होने से उनकी धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि कुप्रथा के नाम पर उनके साथ हो रहा अन्याय बंद होगा। बनफूलपुरा में हुई हिंसक घटना के बाद हरिद्वार में धामी के रोड शो में अल्पसंख्यक समुदाय की मौजूदगी से साफ हो गया है कि हर महजब के लोग देवभूमि में सिर्फ अमनचैन चाहते हैं। उनका सियासी साजिशों से कोई लेना देना नहीं है।