प्रशासन को सुरक्षा व कार्रवाई के आदेश दिये
देहरादून। उत्तरकाशी में पिछले दिनों हुए मस्जिद विवाद पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी से स्थिति स्पष्ट करने के आदेश देते हुए रिपोर्ट मांगी है। साथ ही जिला प्रशासन को धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और नफरत फैलाने वाली गतिविधियों पर सख्ती से रोकने के आदेश भी दिये गये है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि हमारा देश कानून के शासन से चलने वाला देश हैं जिसमें नफरत फैलाने वाली बातें और धमकी किसी को नहीं देनी चाहिए। आज कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में अल्पसंख्यक सेवा समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए गये है। बता देंं कि उत्तरकाशी में बाड़ाहाट मस्जिद को पिछले कुछ दिनों से हिंदू संगठन अवैध बताते हुए उसे ढहाने की मांग कर रहे हैं। वहीं प्रशासन ने इसे वैध घोषित किया है। पिछले दिनों हिंदूवादी संगठनों के आह्वान पर उत्तरकाशी में भीड़ में जमकर बवाल भी किया था। जिसमें कई पुलिस कर्मी सहित अन्य लोग घायल हुए थे। अब यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। मामले को लेकर याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में कहा कि जामा मस्जिद भटवाड़ी रोड, उत्तरकाशी का निर्माण वर्ष 1969 में एक निजी भूमि खरीदकर किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि 1969 में इस्तियाक के पिता यासिम बेग ने भूमि खरीदी थी। जिसके बाद वहां एक मस्जिद का निर्माण किया गया था। दावा किया कि 1987 के यूपी गजट अधिसूचना में इसे वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत किया गया है। खंडपीठ ने राज्य के डीजीपी से स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं । साथ ही जिलाधिकारी व एसपी उत्तरकाशी को याचिका में उल्लिखित धार्मिक स्थल के आसपास सख्त कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।