Breaking News
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत इनकी धारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाएं-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने सतपुली झील के शिलान्यास के साथ पौड़ी जिले में किया 172 करोड़ 65 लाख की 24 योजनाओं का किया लोकार्पण एंव शिलान्यास।
बिग ब्रेकिंग:- मुख्यमंत्री धामी ने शासनादेश संशोधित करने के दिए निर्देश, अब उत्तराखंड निवास में आम लोगों को भी मिलेगी ठहरने की सुविधा।
मसूरी ट्रैफिक पर एक्शन प्लान को लागू करने की तैयारी
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जलवायु परिवर्तन पर स्टेट एक्शन प्लान की समीक्षा की
डीएम: बेटी पढाने से एक जिंदगी नही पूरा परिवार होगा उन्नत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 6 फॉरेंसिक वाहनों का फ्लैग ऑफ किया
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमत्री आवास में 11 लैब असिस्टेंट एवं 34 क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारियों को प्रदान किए नियुक्ति पत्र।
मुख्यमंत्री ने किया प्रथम सोलर मेला “सौर कौथिग” का शुभारंभ

विश्व पर्यटन दिवस समारोह में उत्तराखण्ड के जखोल, सूपी, हर्षिल और गुंजी गांव को मिला सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार

चयनित ग्रामों के प्रधानों ने प्राप्त किया पुरस्कार

जखोल गांव को साहसिक पर्यटन, सूपी को कृषि पर्यटन और हर्षिल व गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के लिए मिला पुरस्कार

आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विश्व पर्यटन दिवस समारोह के आयोजन में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। पुरस्कार वितरण समारोह में उत्तराखण्ड के चयनित ग्रामों के प्रधानों द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार प्राप्त किया गया।

इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन के लिए चुना गया, जो अपनी ऊंचाई, खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग रूट्स के लिए जाना जाता है। साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के बीच यह गांव तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। उत्तरकाशी जिले के ही हर्षिल गांव और पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के रूप में सम्मानित किया गया। हर्षिल अपनी प्राकृतिक सुन्दरता, बर्फ से ढके पहाड़ों और सेब के बागानों के लिए प्रसिद्ध है, जबकि गुंजी गांव, जो चीन और नेपाल सीमा के निकट स्थित है, अपनी सामरिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण विशेष स्थान रखता है। इन गांवों में स्थानीय संस्कृति और आधुनिकता का संगम देखने को मिलता है। बागेश्वर जिले के सूपी गांव को कृषि पर्यटन के लिए पुरस्कृत किया गया। सूपी गांव अपनी पारम्परिक कृषि पद्धतियों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के तहत यहां पर्यटकों को ग्रामीण जीवन और खेती से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया जा सके।

ज्ञातव्य हो कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। संस्कृति एवं प्राकृतिक संपदा के संरक्षण, समुदाय आधारित मूल्य व जीवन शैली को बढ़ावा देने तथा आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को इसमें रखा जाता है। इन्हीं विषयों पर प्रविष्टियां राज्यों से आमंत्रित की जाती हैं। इस वर्ष प्रविष्टियों के आधार पर उत्तराखण्ड के चार ग्रामों को चयनित किया गया है।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड के पर्यटन सचिव श्री सचिन कुर्वे, अपर निदेशक पर्यटन व नोडल अधिकारी श्रीमती पूनम चंद एवं चयनित चार ग्रामों के प्रधान एवं प्रतिनिधि यथा हर्षिल के ग्राम प्रधान श्री दिनेश सिंह, सूपी की ग्राम प्रधान श्रीमती प्रेमा देवी, जखोल के ग्राम प्रधान श्री विनोद कुमार एवं गूंजी के ग्राम प्रतिनिधि श्री कृष गुंज्याल आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top